घर आने में ही देर यूं लगी कोई मिल गया था कल राह में। घर आने में ही देर यूं लगी कोई मिल गया था कल राह में।
तेरे इश्क की, झूठीं बातों में ही ... हम खुद को भूला बैठे । तेरे इश्क की, झूठीं बातों में ही ... हम खुद को भूला बैठे ।
वफा जमाना सीखे तो बताऊँ कि मैंने सम्हाला, सौंप कर आगोश, जिसकी भी अकेली रात आ गई। वफा जमाना सीखे तो बताऊँ कि मैंने सम्हाला, सौंप कर आगोश, जिसकी भी अकेली ...
दिल ने सुनी वो दिल की बातें जो मेरा दिल समझता है दिल ने सुनी वो दिल की बातें जो मेरा दिल समझता है
फ़ुरकत ए गम की वो दास्तान क्या कहें बंज़र हुआ दिल ए गुलिस्तान क्या कहें फ़ुरकत ए गम की वो दास्तान क्या कहें बंज़र हुआ दिल ए गुलिस्तान क्या कहें
तुम हो मैं हूँ और इश्क़ की इनायतें हैं। तुम हो मैं हूँ और इश्क़ की इनायतें हैं।